Namami Gange Project – नमामि गंगे योजना लाभ, कवर क्षेत्र
Namami Gange Project – सरकार ने ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करना और नदी को पुनर्जीवित करना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के लिए बजट को चार गुना बढ़ाकर 2021-2021 तक 20,000 करोड़ रुपए का निवेश करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दी है और इसे 100% केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एक केंद्रीय योजना का रूप दिया है।
इस मिशन के अंतर्गत, शुरूआती स्तर की गतिविधियों से लेकर नदी की उपरी सतह की सफाई, बहते हुए ठोस कचरे की समस्या को हल करने, ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की नालियों का निर्माण, ठोस और तरल पदार्थों के आते मैले और शौचालयों के निर्माण, शवदाह गृह का नवीकरण, आधुनिकीकरण और निर्माण के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों और नदियों के बीच संबंध को बेहतर बनाना है और गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त करना है।
Namami Gange Project – नमामि गंगे योजना
- नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत गंगोत्री से शुरू होकर हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबद, बनारस, गाजीपुर, बलिया, बिहार में 4 और बंगाल में 6 जगहों पर पुराने घाटों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
- यह प्रोजेक्ट चेंजिंग रूम, शौचालय, बैठने की जगह, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट, आक्सीडेशन प्लान्ट और बायोरेमेडेशन प्रक्रिया के साथ पानी के शोधन का काम करेगा।
- इस प्रोजेक्ट में गांव के नालों को भी शामिल किया जा रहा है।
- तालाबों का गंगा से जुड़ाव और उसके पर्यावरण पर क्या प्रभाव होता है, वह भी देखा जाएगा।
- गंगा नदी की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर है।
- गंगा का बेसिन 1.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है।
- हर साल, गंगा में 468.7 बिलियन मीट्रिक पानी प्रवाहित होता है, जो देश के कुल जल श्रोत का 25.2 प्रतिशत है।
- गंगा बेसिन में 45 करोड़ लोग बसते हैं।
- गंगा नदी पांच राज्यों से होकर गुजरती है।
- इसे राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया है, लेकिन यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है।
Benefits of Namami Gange Project – नमामि गंगे योजना के लाभ
- 20 परियोजनाएँ कुल 871.74 करोड़ रुपए की लागत से संबंधित हैं, जो सीवर शोधन और उत्तराखंड के विभिन्न भागों के निर्माण से जुड़े हैं।
- 6 परियोजनाएँ हरिद्वार में शामिल हैं, जिनमें जगजीतपुर और सराय में दो एसटीपी का निर्माण होगा। हरिद्वार की परियोजनाओं की कुल लागत 414.20 करोड़ रुपए है।
- सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरों का पानी गंगा में शोधित नहीं जाएगा, जैसे हरिद्वार और ऋषिकेश।
- अतिरिक्त शहरों में सीवेज शोधन परियोजनाएँ हैं, जैसे उत्तरकाशी, मुनि की रेती, कीर्ति नगर, श्रीनगर, रुद्र प्रयाग, बद्रीनाथ, जोशीमठ, चमोली, नंद प्रयाग और कर्ण प्रयाग।
- टिहरी गढ़वाल, रुद्र प्रयाग, और चमोली में घाट विकास कार्यों के लिए आधारशिलाएँ रखी गई हैं।
Covered area of Namami Gange Project – नमामि गंगे योजना का कवर क्षेत्र
- उत्तराखंड
- झारखंड
- उत्तरप्रदेश
- पश्चिम बंगाल
- बिहार
- हिमाचल प्रदेश
- राजस्थान
- हरियाणा
- छत्तीशगढ़ और
- दिल्ली
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