Here you will find complete information about “Rashtriya Gokul Mission” in Hindi
प्रिय मित्रों, यहाँ हमने राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) के बारे में बहुत महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी प्रकाशित की है जिसमे आप राष्ट्रीय गोकुल मिशन से संबधित सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे जैसे, राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लाभ, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के उद्देश्य और राष्ट्रीय गोकुल मिशन में पंजीयन करने का तरीका आदि. तो चलिए जानते है की राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है हिंदी में?
केन्द्रीय कृषि मन्त्री राधामोहन सिंह ने 28 जुलाई , 2014 को स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन। की शुरुआत की। यह मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम पर आधारित परियोजना है। इस मिशन के अंतर्गत गिर, साहिवाल, राठी, देवनी, थरपारकर, लाल सिंधी जैसी देशी नस्ल के पशुओं के आनुवांशिक स्वरूप को उन्नत करने और इनके वंश की वृद्धि के प्रबंध किए जाएंगे जिससे देशी नस्ल की गायों का दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाई जा सके और इसके द्वारा स्वस्थ और उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता के बैल उपलब्ध हो सकें।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बारे में अन्य जानकारी
- इस योजना को सफल बनाने हेतु वित्तिय वर्ष 2014-15 में सरकार ने एक सौ पचास करोड़ रु. की घोषणा की है
- एकीकृत स्वदेशी पशु केंद्र जैसे ‘गोकुल ग्राम’ (Gokul Gram) की स्थापना हेतु
- सर्वोत्तम रीति से जर्मप्लाज्म (Germplasm) को रखने वाले संस्थानों को सहायता प्रदान करने के लिए
- गो-पालन संघ’ नाम से प्रजनक समाज की स्थापना के लिए
- किसानों के लिए ‘गोपाल रत्न’ और प्रजनक समाज के लिए ‘कामधेनु’ नामक पुरस्कार की स्थापना हेतु
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का कार्यान्वयन ‘राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों’ द्वारा पशुधन विकास बोर्डों के माध्यम से किया जाएगा
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत देशी नस्लों के प्रजनन प्रदेशों में ‘गोकुल ग्राम’ की स्थापना की जाएगी
- गोकुल ग्राम की स्थापना पीपीपी मॉडल (Public Private Partnership Model) के आधार पर करने का प्रस्ताव है
- गोकुल ग्राम पशुओं के पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए चारा उत्पादन (Fodder Production) भी करेंगे
- गोकुल ग्राम दूध, जैविक खाद, केंचुआ-खाद, यूरिन डिस्टिलेट, बायोगैस से विद्युत का उत्पादन तथा पशु उत्पादों की ब्रिकी के माध्यम से आर्थिक संसाधन पैदा करेगा।
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